38 साल पहले 1984 में शहीद हुए लांस नायक चंद्रशेखर (Lance Naik Chandrashekhar Harbola) का पार्थिव शरीर उनके घर हल्द्वानी पहुंच चुका है। सीएम पुष्कर सिंह धामी इस दौरान शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य 38 साल पहले शहीद हुए लांस नायक चंद्रशेखर के घर पहुंचे हैं। परिजनों को उन्होंने इस दौरान ढांढस बंधाया। शहीद नायक का पार्थिव शरीर उनके घर हल्द्वानी पहुंचते ही लोगों का श्रद्धांजिल देने के लिए सैलाब उमड़ पड़ा। पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए परिजनों को केवल 10 मिनट का ही समय मिला है। उनके परिजनों को इस दौरान शहीद का चेहरा नहीं दिखाया गया।
आपको बता दें कि शहीद लांस नायक चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के बाद आर्मी बेंड की धुन के पार्थिव शरीर चित्रशाला घाट पहुंचा। चित्रशाला घाट पर बेटियों ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। शहीद चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर घर पहुंचने से पहले स्थानीय लोगों ने उनके सम्मान में और श्रद्धांजलि देने के लिए पूरी गली को ही तिरंगामय कर दिया था। इसके अलावा फूलों से सजी गाड़ी भी अंतिम विदाई देने के लिए तैयार की गई। लेकिन मंगलवार को शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर घर नहीं लाया जा सका। जिसके बाद लोगों में मायूसी छा गई थी।
जिसके बाद बुधवार को शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर देशभक्ति के जयघोष के साथ में घर पर लाया गया। जिसके बाद बुधवार को शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर देशभक्ति के जयघोष के साथ में घर पर लाया गया। जिसके बाद 10 मिनट परिजनों को अंतिम दर्शन कराए गए। शहीद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि स्थल पर लेकर आया गया। जहां सीएम पुष्कर सिंह धामी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
गौरतलब है कि मई 1984 में सियाचिन में पेट्रोलिंग के दौरान 20 सैनिकों की टुकड़ी ग्लेशियर की चपेट में आ गई थी। इस दौरान लांस नायक चंद्रशेखर हर्बोला सहित किसी भी सैनिक के बचने की कोई उम्मीद नहीं रही थी। उनके परिजनों को बीते 14 अगस्त को शहीद हुए लांस नायक चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर मिलने की सूचना दी गई थी। वहीं लांस नायक चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर मिलने के बाद उनके परिजनों में 38 साल पुराना दर्द एक बार फिर आंखों में उतर आया।