अमृत महोत्सव श्रृंखला में जाने इसरो द्वारा बनाए गए स्वदेसी जीपीएस नेविगेशन सिस्टम ‘नाविक’ के बारे में अहम् जानकारी

navik1 अमृत महोत्सव श्रृंखला में जाने इसरो द्वारा बनाए गए स्वदेसी जीपीएस नेविगेशन सिस्टम 'नाविक' के बारे में अहम् जानकारी

शायद ही कोई इंसान हो जिसे कारगिल के युद्ध के बारे में जानकारी ना हो,जिस समय कारगिल युद्ध हुआ था उस समय भारत के पास अपना ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम यानी जीपीएस मौजूद नहीं था। ऐसे में अमेरिकी सरकार द्वारा बनाया गया अंतरिक्ष आधारित नेविगेशन सिस्टम महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करवाता था लेकिन उस युद्ध में भारत को अमेरिका से कोई मदद नहीं मिली थी। कारगिल युद्ध के समय स्वदेशी उपग्रह नेविगेशन प्रणाली की आवश्यकता पहले से कहीं ज्यादा महसूस की गई थी,इसके बाद इसरो के सातवें नेविगेशन सैटेलाइट आइआरएनएसएस-1जी की कामयाबी के बाद भारत के पास अब खुद का जीपीएस नेविगेशन सिस्टम ‘नाविक’ मौजूद है। लेकिन आज के समय में भारत को किसी भी अन्य देश पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है,जीपीएस के मामले में अमेरिका, रूस और चीन और यूरोपियन यूनियन के बाद भारत वह अकेला देश है जिसके पास खुद का नेविगेशन सिस्टम मौजूद है|

navik2 अमृत महोत्सव श्रृंखला में जाने इसरो द्वारा बनाए गए स्वदेसी जीपीएस नेविगेशन सिस्टम 'नाविक' के बारे में अहम् जानकारी

भारत में निर्मित स्वदेसी जीपीएस यानी नाविक सात सैटेलाइट वाला एक रीजनल नेविगेशन सिस्टम होता है, जिसका निर्माण इसरो ने किया गया है। इस सैटेलाइट की मदद से भारत अंतरिक्ष से भारत और इसके आसपास के 1,500 किलोमीटर के दायरे में स्थित देशों में पोजिशनिंग सर्विस मुहैया करा सकता है| उम्मीद जताई जा रही है की आने वाले समय में आप गूगल मैप्स की जगह अपने स्मार्टफोन पर नाविक का उपयोग भी कर सकते है,सूत्रों की माने तो भारत का यह जीपीएस गूगल मैप्स से भी ज्यादा सटीकता से काम करेगा और हमें ज्यादा सहीं जानकारी उपलब्ध कराएगा|

navik3 अमृत महोत्सव श्रृंखला में जाने इसरो द्वारा बनाए गए स्वदेसी जीपीएस नेविगेशन सिस्टम 'नाविक' के बारे में अहम् जानकारी

इसरो ने इसके बारे में दावा किया है कि यह सिस्टम प्राइमरी सर्विस एरिया में लगभग 20 मीटर तक सही जानकारी उपलब्ध कराता है। भारत की इसरो के द्वारा निर्मित नाविक सिस्टम काफी हद तक अमेरिका के जीपीएस, रूस के ग्लोनएस, यूरोप के गैलीलियो और चीन के बीडोऊ की तरह ही काम करता है और इस सिस्टम का उपयोग नौसेना के नेविगेशन, आपदा प्रबंधन, गाड़ियों की ट्रैकिंग, मोबाइल फोन के इंटीग्रेशन, मैप और जियोग्राफिकल डाटा, विजुअल और वायस नेविगेशन इत्यादि के लिए किया जा सकता है|

navik4 अमृत महोत्सव श्रृंखला में जाने इसरो द्वारा बनाए गए स्वदेसी जीपीएस नेविगेशन सिस्टम 'नाविक' के बारे में अहम् जानकारी

हालाँकि भारतीय सेना को इस नये नेविगेशन सिस्टम से बहुत बड़ा फायदा मिलने पहुँचने वाला है,इस सिस्टम से सेना की सभी गतिविधियों की जानकारी केवल अपने देश तक ही सीमित रहेगी कोई भी आने देश उसके बारे में जानकारी प्राप्त नहीं कर पाएगा। किसी भी देश के लिए यह बहुत बड़ी बात है की उसके पास अपना जीपीएस मौजूद है,आज इस मामले में भारत आत्मनिर्भर है क्योंकि भारत के पास खुद का जीपीएस नाविक मौजूद है।