Hyundai मोटर ग्रुप बनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कार निर्माता, जानिए कौन है नंबर-1 पर

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इंडियन ऑटोमोबाइल बाजार में (Hyundai) हुंडई क्रेटा और आई 20 जैसी मिड साइज एसयूवी कार बेचने वाली कंपनी के ग्लोबल ग्रुप ने एक बेहद ही बड़ा मुकाम हासिल किया है। बता दें कि हुंडई मोटर ग्रुप अब दुनिया की तीसरे नंबर की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी बन चुकी है। कंपनी ने सेल्स के मामले में इस साल की पहली छमाही में 33 लाख से अधिक व्हीकल को सेल कर दिया है। भारत सहित पूरी दुनिया भर में हुंडई की कई सारी गाडियां मौजूद हैं।

Hyundai 1 Hyundai मोटर ग्रुप बनी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कार निर्माता, जानिए कौन है नंबर-1 पर
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हुंडई कंपनी की इन कारों में से जिसमें एक ईवी 6 कार है, जो कि एक प्रीमियम सेगमेंट की इलेक्ट्रिक कार है। आइए आपको बताते हैं कि नंबर-1 और नंबर-2 के बारे में, कि कौन सी हैं ये कंपनियां। भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में Hyundai कंपनी का मारुति तथा टाटा मोटर्स के अलावा मुकाबला है। भारतीय मार्केट में हुंडई की कई सारी हैचबैक और एसयूवी कार मौजूद हैं। जहां पर हैचबैक में कंपनी का मुकाबला मारुति सुजुकी से है, वहीं एसयूवी कार के मामले में कंपनी को टाटा मोटर्स और टोयोटा की कार ने टक्कर दी है।

नंबर-1 कार कंपनी

जानकारी दे दें कि इस साल की पहली छमाही में टोयोटा मोटर्स ने टॉप वन पर अपना स्थान हासिल किया है। जिसके 51 लाख से ज्यादा यूनिट्स को पूरी दुनिया भर में सेल्स किया गया है। आपको बताते चलें कि टोयोटा की हैचबैक से लेकर फुल साइज की एसयूवी की कई कार मौजूद हैं। भारत में इसकी फॉर्चूनर और एमपीवी कैटेगरी की कार इनोवा भी मौजूद है। जो कई प्रीमियम गाड़ियों के साथ लॉन्च होती हैं।

कौन सी है नंबर-2 कार कंपनी

आपको बता दें कि फॉक्सवेगन ने सेल्स के मामले में दुनिया में दूसरा स्थान हासिल किया है। इसके साथ ही उसने 40 लाख से ज्यादा गाड़ी की यूनिट्स को सेल किया था। भारत में भी फॉक्सवेगन की कार मौजूद हैं। फॉक्सवेगन की कार भारत सहित पूरी दुनिया में मौजूद हैं, जो अपनी प्रीमियम खूबियों के कारण बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हो रही हैं।

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पिछले साल किस पॉजिशन पर थी Hyundai

हुंडई मोटर्स ग्रुप (Hyundai Motor Company) ने बीते साल की पहली छमाही के दौरान 5वां स्थान हासिल किया था। दरअसल, पिछले साल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को सेमीकंडक्टर चिपसेट की आपूर्ति के कारण बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ गया था। जिसके कारण कई सारी कंपनियां वक्त पर कार की डिलिवरी नहीं कर पाई थीं।